एहसास

एहसास हूँ मैं,
रहने दो अपने साथ
गुज़र तोह वक़्त भी जाता है,
न ढलने दो दिन के साथ

थोड़ा मैंने थोड़ा तुमने,
जो सीचा है एक एक पल
ठहर जाने दो उन लम्हों को,
रहने दो माथे पे दाग यह लाल

कुछ तुम देखो कुछ हम देखे,
खो जाने दो लफ़्ज़ों को आज
हाथों में यह हाथ रहे,
ऐसा हो रिश्तों का साज़

एहसास हूँ मैं,
रहने दो अपने साथ 
गुज़र तोह वक़्त भी जाता है,
न ढलने दो दिन के साथ

Comments

  1. Ehsaas toh waqt ke saath badal hi jata hai,
    bas saath rehti hain toh uski yaadein
    Love to read your blog... write more

    ReplyDelete

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